
गणेश जिनको गणपति, विनायक भी कहते है, हिंदू धर्मके सबसे लोकप्रिय तथा सर्वाधिक पूजे जाने वाले देवता है। वे भगवान शिव तथा पार्वती के पुत्र है तथा कैलाशलोक उनका निवासस्थान है। गणेशजी विघ्नों के विनाशक तथा सुख, समृद्धि,बुद्धि,विद्या, सफलता,शांति और मोक्षदाता भगवान है।

भारतीय संस्कृति में हर कार्य गणेशपूजा के बिना अधूरा है। अभ्यास,व्यापार,विवाह,पूजा आदि सभी शुभ कार्यों तथा अवसरों के आरंभ में सर्वप्रथम गणेशजी की ही पूजा करने का प्रावधान होने के कारण उन्हें प्रथमपूज्य देवता भी कहते है। रिद्धि(बुद्धि) और सिद्धि गणेशजी की शाश्वत संगिनी हैं। गणेशजी के शुभ तथा लाभ नमक दो पुत्र भी है।
आपके दोस्त के रूप में, मैं आपको भगवान गणेश की पावन कथा सुनाने के लिए उत्साहित हूँ—वह विघ्नहर्ता और बुद्धि व रचनात्मकता के प्रतीक हैं। मेरे साथ उनकी प्रेरणादायक कहानियों और अनंत आशीर्वादों की खोज में शामिल हों!
देवी-देवताओं के अनेक नाम होने का कारण यह है कि हर नाम उनके किसी विशेष गुण, कार्य या स्वरूप को दर्शाता है।
हर कल्प के हर युग में गणेशजी अवतार धारण करते है। पुराणोंमें भगवान गणपति के 64 अवतारों का उल्लेख है। गणेशजी ने सतयुग में कश्यप व अदिति के यहां महोत्कट विनायक नाम से जन्म लेकर देवांतक और नरांतक का वध किया। त्रेतायुग में उन्होंने उमा के गर्भ जन्म लिया और उनका नाम गुणेश रखा गया। सिंधु नामक दैत्य का विनाश करने के बाद वे मयुरेश्वर नाम से विख्यात हुए। द्वापर में माता पार्वती के यहां पुन: जन्म लिया और वे गणेश कहलाए। ऋषि पराशर ने उनका पालन पोषण किया और उन्होंने वेदव्यास के विनय करने पर सशर्तमहाभारत लिखी थी। कलियुग में गणेशजी धूम्रकेतु रूपमें अवतार लेंगे।
उन्हें गजानन इसलिए कहा गया कि उनके सिर को भगवान शंकर ने काट दिया था। बाद में उनके धड़ पर हाथी का सिर लगा कर उन्हें पुन: जीवित किया गया। यह भी कहा जाता है कि शनिदेव जब बाल गणेश को दे...
एक बार देवताओं में धरती की परिक्रमा की प्रतियोगिता हुई जिसमें जो सबसे पहले परिक्रमा करके आ जाता उसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता। प्रतियोगिता प्रारंभ हुई परंतु गणेश जी का वाहन तो मूषक था त...
उनका प्रिय भोग मोदक लड्डू, प्रिय पुष्प लाल रंग के फूल, प्रिय वस्तु दुर्वा (दूब), प्रिय वृक्ष शमी-पत्र, केल, केला आदि हैं। केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा अर्पित कर कपूर जलाकर उनकी पूजा ...
गणपति आदिदेव हैं जिन्होंने हर युग में अलग अवतार लिया। उनकी शारीरिक संरचना में भी विशिष्ट व गहरा अर्थ निहित है। शिवमानस पूजा में श्री गणेश को प्रणव (ॐ) कहा गया है। इस एकाक्षर ब्रह्म ...
Here you will find a collection of beautiful and divine images of Lord Shri Ganesh Ji.

श्री गणेश, गणधिपति

गौरीनंदन, गौरीपुत्र

गजानन, गणेश्वर

गणपति, विनायक